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 - 108 साल के गौरवशाली इतिहास को झांकियों में समेटा, केसरिया परिधान में ढोल-नगाड़ों की थाप पर जमकर थिरके युवा BHU Wale, देखें फोटोज









वाराणसी, 26 जनवरी (हि.स.)। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) का 108वां स्थापना दिवस बसंत पंचमी पर्व पर गुरुवार को उल्लासपूर्ण माहौल में मनाया गया । स्थापना दिवस पर विश्वविद्यालय के गौरवशाली इतिहास पर आधारित झांकिया निकाली गई। पारंपरिक परिधान में सजे छात्र-छात्राओं और कर्मचारियों ने मां सरस्वती की आराधना के बाद ढोल-नगाड़ों की थाप, डीजे, पारंपरिक संगीत पर थिरकते और अबीर गुलाल उड़ाते हुए झांकिया निकाली ।

एलडी गेस्ट हाउस छात्रावास मार्ग से संकायों, विभागों व संस्थानों की मनमोहक झांकियों के निकलने का सिलसिला शुरू हुआ। इस दौरान एक झांकी में बटुकों को लैपटाप से पढ़ाई को दिखाते हुए पारम्परिक शिक्षा में आधुनिक तकनीक के प्रयोग का संदेश दिया गया। कोविड महामारी को हराने में आयुर्वेद और योग का कितना योगदान पर आधारित झांकिया भी आकर्षण बनी रही। सर सुन्दर लाल अस्पताल की ओर से स्वस्थ, शिक्षित एवं युवा भारत की थीम पर आधारित झांकी सजाई गई थी। झांकियों के जुलूस में शामिल विद्यार्थी उत्साह, ऊर्जा और उमंग से भरपूर देश भक्ति गीतों पर थिरकते रहे।


जुलूस के आगे एनसीसी कैडेट व एनएसएस के स्वयंसेवकों की टोलियां रही । मालवीय भवन के सामने बने मंच के पास संकायों व संस्थानों ने तीन मिनट के समय में अपनी थीम समझायी। यहां निर्णायक मंडल ने भी झांकियों का मूल्यांकन किया । स्थापना दिवस की झांकियों को मोबाइल के कैमरे में कैद करने की होड़ सी मची रही। नए परिधानों में सजे धजे युवक-युवतियों के बीच इनके साथ सेल्फी लेने का आकर्षण भी दिखा। खास बात यह रही कि शिक्षा और स्वास्थ्य की थीम पर सभी झांकियों को छात्रों ने खुद ही तैयार किया । इसके पहले विश्वविद्यालय परिसर स्थित स्थापना स्थल पर आयोजित कार्यक्रम में कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने विधिवत वैदिक रीति रिवाजों के साथ पूजा-अर्चना की । वैदिक मंत्रोच्चार के बीच विश्वविद्यालय परिवार के सदस्यों ने मां सरस्वती की पूजा कर सबकी सुख, शांति और समृद्धि की कामना की।


पूजन अर्चन के बाद कुलपति ने स्थापना दिवस पर विश्वविद्यालय परिवार के सदस्यों को शुभकामनाएं दी । इस दौरान कुलगुरू प्रो. वी. के. शुक्ला, कुलसचिव, विभिन्न संस्थानों के निदेशक, संकाय प्रमुख, विभागाध्यक्ष, शिक्षक, अधिकारी एवं विश्वविद्यालय परिवार के सदस्य मौजूद रहे।


BHU Wale

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